Surya Bharti Books

सूर्य भारती किताबों की विशेषताएँ

बच्चों के बस्ते का बोझ हल्का करना
० पुस्तकों की रचना में आधार न्यूनतम अधिगम स्तर (Minimum Level of Lanning), निपुणता अधिगम (Mastery Learning), कान्सेप्ट मैपिंग (Concept Mapping) तथा रचनावाद (Constructivism), RTE Act-2009.

विशेषज्ञों के समूह द्वारा पाठों की रचना।

  1. सरल भाषा, छोटे वाक्य।
  2. रोचक कविताएँ, कहानियाँ और पहेलियाँ।
  3. चित्रमय पाठ।
  4. सनातन संस्कृतिमयी गुणवत्तीय शिक्षा-वेद, पुराण, उपनिषद, रामायण, गीता, महाभारत, पंचतंत्र, महान संतों के वचन आदि।
  5. शिक्षा कम खर्चीली।
  6. खेल-खेल में पढ़ाई-लिखाई और गणित ज्ञान।
  7. जीवन मूल्य आधारित नीति वाक्य (सुलेख पट्टी)।
  8. विषय वस्तु का मूल्यांकन न करके योग्यताओं, कौशलों और दक्षताओं का मूल्यांकन।
  9. जननी-जनक (अभिभावकों) और शिक्षकों की सहायता के लिए शिक्षण संकेत।
  10. गृहकार्य नहीं।
  11. पाठ से संबंधित कुछ मुख्य हिंदी शब्दों के संस्कृत और अंग्रेजी शब्द।
  12. हिन्दी भाषा सीखने में अंग्रेजी भाषा सहायक।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति - 2020 के कुछ मुख्य निदेशन
कूली पाठ्यक्रम के बोझ को कम करना। पाठ्यपुस्तकों के बोझ में और स्कूल बैग के बोझ में कमी तथा उनकी कीमतों को पर्याप्त रूप से कम करना।

सीखने-सिखाने के लिए रचनावादी तरीका, आवश्यक मूल सामग्री में चर्चा, विश्लेषण, उदाहरण और अनुप्रयोग पर बल।

राष्ट्रीय और स्थानीय पाठ्यक्रम में मूल अवधारणाओं का समावेशन।
पाठ्यक्रम में विज्ञान और गणित के अलावा बुनियादी कला, मानविकी खेल और फिटनेस, भाषा साहित्य और संस्कृति का समावेश।
शिक्षा का माध्यम घर की भाषा / मातृभाषा / स्थानीय भाषा / क्षेत्रीय भाषा।
प्राचीन ज्ञान और विचार, कला और विज्ञान के बीच पाठ्यक्रम और पाठ्येत्तर गतिविधियों के बीच व्यावसायिक और शैक्षणिक धाराओं आदि के बीच कोई स्पष्ट अलगाव न हो।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दिशा-निदेशन दृष्टव्य हैं
Holistic development of Learners... to move the Education system towards real understanding and learning how to learn and away from the culture of rote learning.

Curriculum content will be reduced in each subject to its core essentials, to make space for critical thinking and more holistic, discovery-based, discussion-based and analysis-based learning. The mandated contents will focus on key concepts, ideas, applications and problem-solving.

There will be no hard separation among 'curricular', 'extra-curricular or 'co-curricular' areas, among 'Arts', 'Humanities' and 'Sciences', or between 'vocational' or 'academic' streams. Subjects such as Physical education, the arts, and vocational crafts, in addition to Science, Humanities and Mathematics will be seriously incorporated throughout the school curriculum, with a consideration f what is interesting and safe at each age.